दुर्ग की धरती पर खेती का कमाल: फलों के उत्पादन में नया अध्याय
छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला, जो टमाटर उत्पादन में पहले से ही राज्य में शीर्ष पर है, अब केले और पपीते की पैदावार में भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। जिले में फलों की बढ़ती खेती से किसानों की आय में अच्छी खासी वृद्धि हुई है, जिससे दुर्ग छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
जिले में खेती के आधुनिक तरीकों का बढ़ता प्रभाव
दुर्ग जिले के कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों में किसानों को उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया है। ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग, और जैविक खादों का उपयोग खेती में बढ़ रहा है, जिससे जल की बचत और फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। साथ ही, फसल चक्र की उन्नत योजनाओं ने टमाटर, केला और पपीता जैसी फसलों में उत्पादन लागत को कम करने में मदद की है।
पपीते और केले की खेती में उपलब्धियां
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि दुर्ग की जलवायु और भूमि केले और पपीते जैसी फसलों के लिए अत्यंत अनुकूल है। केले की खेती में विशेष रूप से ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करके फसल की उत्पादकता को बढ़ाया गया है, जिससे इस वर्ष प्रति हेक्टेयर उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पपीते के मामले में भी विशेष किस्मों का चयन किया गया है जो जिले की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल हैं।
सरकारी योजनाओं से मिला किसानों को प्रोत्साहन
राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं, जैसे कि कृषि यंत्रों पर सब्सिडी, उन्नत बीजों और पौधों की उपलब्धता, तथा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर मार्गदर्शन से किसानों को काफी लाभ हुआ है।
जिले के एक किसान, रमेश यादव, जिन्होंने केले की खेती में इन नई तकनीकों का लाभ उठाया है, ने बताया, “सरकार की मदद से हमें आधुनिक खेती के तौर-तरीके समझ में आए। इससे हमारी उपज तो बढ़ी ही, साथ ही बाजार में हमारे फलों की गुणवत्ता भी अच्छी मानी जा रही है। अब हम टमाटर के साथ-साथ केले और पपीते को भी अच्छी कीमत पर बेच पाते हैं।”
जिला कृषि विभाग की भूमिका
दुर्ग के कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले में कृषि की इस सफलता के पीछे विभाग की निरंतर निगरानी और किसानों के साथ संवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अधिकारी ने बताया कि भविष्य में भी किसानों को नई तकनीकों और फसल विविधता के प्रति प्रेरित किया जाएगा, ताकि दुर्ग जिले की कृषि उत्पादकता और भी बेहतर हो सके।
भविष्य की योजनाएं
दुर्ग जिला प्रशासन अब अधिक फसलों में विविधता लाने पर विचार कर रहा है ताकि किसानों की आय को स्थायी रूप से बढ़ाया जा सके। इसके तहत आम, अमरूद और स्ट्रॉबेरी जैसे अन्य फलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा।