स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर आल इंडिया ऑप्थेल्मोलॉजिकल सोसायटी की टीम ने दंतेवाड़ा से रिफर किए मरीजों की जाँच की

तीन सदस्यीय टीम ने मरीजों की जाँच के उपरांत कहा कि मरीजों को वर्तमान में उच्च संस्थान के समकक्ष गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान किया जा रहा है

रायपुर/छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशानुसार जिला दंतेवाड़ा से पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित नेत्र रोग विभाग (क्षेत्रीय नेत्र अनुसंधान केंद्र) में रिफर किए गए मरीजों की जाँच एवं मार्गदर्शन देने हेतु आल इंडिया ऑप्थेल्मोलॉजिकल सोसायटी (AIOS) द्वारा गठित टीम के सदस्यों ने बुधवार को अम्बेडकर अस्पताल का दौरा किया और वहाँ भर्ती 17 मरीजों की आँखों की जाँच की। टीम के सदस्य के रूप में डॉ. उदय गाजीवाला (अध्यक्ष एआईओएस एडवर्स इवेंट्स रिपोर्टिंग कमेटी), डॉ. अरविंद कुमार मोर्या (राष्ट्रीय संयोजक, एआईओएस एडवर्स इवेंट्स रिपोर्टिंग समिति), डॉ. प्रशांत केशाओ बावनकुले (शैक्षणिक एवं अनुसंधान समिति एआईओएस एवं रेटिना विशेषज्ञ) द्वारा 17 मरीजों की आंखों की गहनता से जांच की गई और पाया कि नेत्र रोग विभाग द्वारा सभी मरीजों की उचित प्रकार से देखभाल की जा रही है एवं आवश्यक मेडिकल एवं सर्जिकल उपचार प्रदान किया जा रहा है।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि राष्ट्रीय टीम के रेटिना विशेषज्ञों द्वारा राय दी गयी है कि सभी मरीजों का समुचित इलाज जारी है और किसी भी अन्य उच्च संस्थान के समकक्ष गुणवत्तापूर्ण इलाज प्रदान किया जा रहा है। किसी भी मरीज को अन्य संस्थान में रिफर करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है। दीपावली के इस पावन पर्व पर हर्ष का विषय है कि 17 में से 14 मरीजों की आँखों में रोशनी आने की संभावना है किन्तु इसमें समय लग सकता है। इन मरीजों में दवाई एवं शल्यक्रिया उपरांत सुधार प्रतीत हो रहा है। 3 मरीजों की आँख में संक्रमण अधिक होने से राष्ट्रीय टीम के सुझाव अनुसार अन्य शल्यक्रिया की जायेगी। डॉ. सोनकर के अनुसार सभी मरीजों की उचित देखभाल एवं देखरेख चिकित्सा के निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।

तीन सदस्यीय राष्ट्रीय ऑप्थल्मोलॉजिस्ट की टीम ने स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल से मरीजों के इलाज़ के संबंध में फोन पर चर्चा की और इस केस में मरीजों के हित में शासन की त्वरित सजगता और तत्परता के लिए सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री की ओर से भी टीम को आश्वस्त किया गया कि मरीजों के इलाज में शासन की तरफ से कोई कमी नहीं होगी।

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              ऐसे में उन्हें जिला अस्पताल में निःशुल्क उपचार के संबंध में जानकारी मिली। उन्होंने यहां पर अपना उपचार कराना प्रारम्भ किया। अब उन्हें ईलाज के लिए बार बार रायपुर के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। राम प्यारे बताते हैं कि उनके ईलाज में प्रति माह 90 हज़ार से 1 लाख तक हो जाते थे। ऊपर से आने जाने और अन्य खर्चें अलग से करना पड़ता था। यहां पर उपचार निःशुल्क हो जाता है और कहीं जाने के खर्च की भी जरूरत नहीं पड़ती। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं शासन का धन्यवाद दिया।

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    घर में राजमिस्त्री का कार्य कर पूरे घर की जिम्मेदारी अपने ऊपर उठाने वाले दीनदयाल की इस हालत से पूरे परिवार में डर का माहौल फैल गया था, पर डॉक्टरों ने समझाया की उन्हें आर्थिक बोझ ना हो इसके लिए वे अपने जिले में ही इसका उपचार करा सकते हैं। जब वे जशपुर आये तो दीर्घायु वार्ड में उनका निःशुल्क उपचार आयुष्मान कार्ड योजना द्वारा प्रारम्भ हुआ। दीनदयाल का जहां बिस्तर से उठना बोलना भी दूभर हो गया था। अब धीरे-धीरे वह ठीक होने लगे हैं वे अब खुद उठ कर बैठने की अवस्था में आ गए हैं। इसके लिए दीनदयाल एवं उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी धन्यवाद दिया।

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