Wireless Headphones are now on Market

Nam sed mi fermentum, laoreet erat sed, volutpat ante. Phasellus eget placerat urna. In ullamcorper sem id tellus tristique dignissim. Aliquam et facilisis leo. Nulla nec porta felis, pretium lobortis urna. Maecenas mi purus, sollicitudin nec arcu at, aliquet iaculis arcu. Curabitur fringilla neque non condimentum mollis. Suspendisse eu leo est. Donec ultrices nulla ut mauris maximus tristique. Vestibulum vitae pulvinar neque. Curabitur mauris ligula, lacinia at pharetra sed, placerat non velit.

  • Related Posts

    रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय में एआई और चैटजीपीटी प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल समापन

    सूरजपुर/ सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित 4-दिवसीय एआई और चैटजीपीटी प्रशिक्षण कार्यशाला का आज रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय में सफल समापन हुआ। इस कार्यक्रम को मेट्री एआई और जीआर टेक्नो इंडिया के सहयोग से और एसईसीएल की सीएसआर पहल के तहत वित्तीय सहायता से संचालित किया गया। कार्यशाला में 50 सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर शिक्षकों ने भाग लिया, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और चैटजीपीटी के उपयोग में प्रशिक्षित किया गया।
    कार्यक्रम की उपलब्धियांः- कार्यशाला का नेतृत्व अनुराग डांगी, टेडएक्स स्पीकर ने किया। उन्हें उत्कर्ष मिश्रा और मेट्री एआई के संस्थापक रोहित कश्यप का पूरा सहयोग मिला।
    कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।
    एआई के मूलभूत सिद्धांतः- शिक्षा में इसके उपयोग के अवसरों को समझना।
    चैटजीपीटी का व्यावहारिक उपयोगः शिक्षण सामग्री तैयार करने और छात्र सहभागिता बढ़ाने के लिए। हैंड्स-ऑन सत्र एआई उपकरणों को कक्षा में लागू करने का अभ्यास।
      कार्यक्रम का संचालन डीईओ श्री ललित पटेल के मार्गदर्शन में हुआ। डीईओ श्री ललित पटेल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, हमारा उद्देश्य शिक्षा में प्रौद्योगिकी का समावेश करना और शिक्षकों को सशक्त बनाना है।
    शिक्षकों की प्रतिक्रिया-कार्यशाला ने शिक्षकों के कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद की।
    एक प्रतिभागी ने कहा, इस प्रशिक्षण ने हमें न केवल एआई की समझ दी, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से लागू करना भी सिखाया।
    सफल समापन और प्रमाण पत्र वितरण- कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यशाला को सूरजपुर में तकनीकी साक्षरता बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

    ब्रिटिशकाल में जनजातीय विद्रोह और संस्कृति की अस्मिता को वास्तविक स्वरूप में तैयार किया जा रहा

    बस्तर, कोलकाता और मुम्बई फिल्म सिटी  के कलाकारों द्वारा म्यूजियम को दे रहे वास्तविक स्वरूप  छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों से रूबरू होंगे लोग   नवा रायपुर में 10 एकड़ में बन रहा है शहीद वीरनारायण सिह संग्रहालय  रायपुर / छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय परिसर में छत्तीसगढ़ राज्य में ब्रिटिशकाल में हुए जनजातीय विद्रोह की झांकी को वास्तविक स्वरूप में तैयार किया जा रहा है। ब्रिटिशकाल के दौर में अपनी अस्मिता और संस्कृति को बचाने के लिए हुए जनजातीय विद्रोह के दौरान छत्तीसगढ़ के अनेक वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। झांकी के माध्यम से जनजातीय विद्रोह कोे वास्तविक स्वरूप में प्रदर्शित करने मेें बस्तर, कोलकाता और मुम्बई फिल्म सिटी के आर्टिस्ट जुटे हैं।  आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का दौरा कर वहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। श्री बोरा ने जनजातीय विद्रोह की झांकी तैयार करने में जुटे आर्टिस्टों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। श्री बोरा ने कहा कि जनजातीय विद्रोह के वास्तविक स्वरूप को दर्शाने के लिए तैयार की जा रही यह झांकी जनजातीय समुदाय के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराएगी।   गौरतलब है कि नया रायपुर में पुरखौती मुक्तांगन के समीप 45 करोड़ की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर शहीद वीरनारायण सिंह म्यूजियम स्थापित किया जा रहा है। इस  संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन शैली एक अलग म्यूजियम तैयार किया जा रहा है, जो जनजातीय कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों से रूबरू कराएगा। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने म्यूजियम के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक श्री पी.एस. एल्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं संबंधित ऐंजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित थे। म्यूजियम निर्माण में लगे क्यूरेटर श्री प्रोबल घोष ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के वीर गाथाओं पर आधारित इस झांकी का निर्माण काफी चुनौती पूर्ण कार्य है। इस म्यूजियम में आदिवासियों की ग्रामीण जन-जीवन, उनकी स्वतंत्रता फिर उनकी वीर गाथा की वास्तविक कहानी क्लासिकल लुक में दिखेगी। इस म्यूजियम को कोलकाता के 14 विशेष मूर्तिकार, बस्तर के 23 आर्टिस्ट तथा फिल्म सिटी मुम्बई के कहानी के कम्पोजिसन के साथ मूर्तरूप देने मे लगे है। मूर्तियों की फिनिशिंग का कार्य भी समानांतर रूप से किया जा रहा है। म्यूजियम तैयार होने के बाद यह संग्रहालय न केवल छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता काल में दिए गए सर्वाेच्च बलिदान को याद दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिवासी परंपरा से भी आमजन को रूबरू कराएगा।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय किसान दिवस की दी बधाई

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय किसान दिवस की दी बधाई

    महेश गागड़ा बने ‘छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ’ के नए प्रदेश अध्यक्ष: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

    महेश गागड़ा बने ‘छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ’ के नए प्रदेश अध्यक्ष: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

    बस्तर कलेक्टर ने ग्राम तालुर में महतारी वंदन योजना में अनियमितता की जांच करने के दिए निर्देश

    बस्तर कलेक्टर ने ग्राम तालुर में महतारी वंदन योजना में अनियमितता की जांच करने के दिए निर्देश

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ के पदाधिकारियों ने की मुलाकात

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ के पदाधिकारियों ने की मुलाकात

    महाविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस 2024 का आयोजन किया गया

    महाविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस 2024 का आयोजन किया गया

    भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ ने वन एवं वृक्ष आवरण वृद्धि में देश में प्राप्त किया प्रथम स्थान

    भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ ने वन एवं वृक्ष आवरण वृद्धि में देश में प्राप्त किया प्रथम स्थान