यूथ एवं इको क्लब प्रभारी शिक्षकों का प्रशिक्षण हुआ प्रारंभ
सूरजपुर/ बीआरसी कार्यालय रामानुजनगर में विकासखंड स्तरीय यूथ एवं इको क्लब का प्रशिक्षण सभी 92 माध्यमिक शालाओं के एक-एक शिक्षक (क्लब प्रभारी) का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम माता सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प और श्रीफल अर्पित कर वंदना के साथ कार्यक्रम का शुरुआत सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री मनोज कुमार साहू एवं बीआरसीसी श्री मनोज कुमार जायसवाल तथा मास्टर ट्रेनर्स ने प्रारंभ किया। मास्टर ट्रेनर्स गोपाल सिंह, रमेश गुप्ता, चंद्र प्रताप साहू, विनोद तिर्की, श्रीकांत पांडे, नंद कुमार सिंह, उत्तम सिंह ने संकुल क्लब बनकर ट्रेनिंग प्रारंभ किया। मास्टर ट्रेनर्स ने यूथ एवं इको क्लब के संबंध में संक्षिप्त परिचय दिया। प्रशिक्षण को उद्घाटन सत्र पर प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण को सभी शिक्षक गंभीरता से प्राप्त कर विद्यालय में जाकर के बच्चों बीच पर्यावरण संवर्धन के एवं बाल सभा, बाल कैबिनेट के माध्यम से नेतृत्व क्षमता पर काम करें। बीआरसी श्री जायसवाल ने सभी प्रशिक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण के प्रति बच्चों के मन में जागरूकता लाना होगा तभी अच्छा शैक्षणिक वातावरण का निर्माण होगा।
सपनों का निर्माण ’’प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण’’ से बरातु का सपना हुई साकार
सूरजपुर/ वित्तीय वर्ष 2022-23 में, जनपद पंचायत सूरजपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खरसुरा के अनुसूचित जाति निवासी रंगू के बेटे बरतु को कई सरकारी योजनाओं से काफी लाभ मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई- ग्रामीण) के तहत, बरतु को पक्का घर बनाने के लिए चार किस्तों में 1.2 लाख रुपये मिले, जो उसके पिछले कच्चे घर से एक उल्लेखनीय परिवर्तन को दर्शाता है। एक नाजुक, अस्थायी संरचना से एक टिकाऊ और सुरक्षित घर में इस परिवर्तन ने उसके परिवार को सुरक्षा और आराम दिया है।
इसके अलावा, बरातू को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 90 दिनों का मज़दूरी रोजगार प्रदान किया गया, विशेष रूप से उसके घर के निर्माण के लिए मज़दूरी के लिए। इस महत्वपूर्ण सहायता ने न केवल निर्माण प्रक्रिया को गति दी, बल्कि आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बन गया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
पीएमएवाई-ग्रामीण के साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से, बरतु के परिवार को अतिरिक्त लाभ प्राप्त हुए। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत एक शौचालय सुविधा का निर्माण किया गया, जिससे बेहतर स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित हुई। परिवार को उज्ज्वला योजना के माध्यम से गैस कनेक्शन भी मिला, जिससे उन्हें स्वच्छ खाना पकाने के तरीके अपनाने और पारंपरिक ईंधन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को काफी कम करने में मदद मिली।
इसके अलावा, बिजली की पहुंच से पहली बार उनके घर में रोशनी और आधुनिक सुविधाएं आईं, जबकि नल के पानी के कनेक्शन से स्वच्छ पेयजल की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित हुई, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में और सुधार हुआ।
वित्तीय और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए, बरतु के परिवार को स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस पहल ने सामूहिक आर्थिक अवसरों और सामुदायिक भागीदारी के द्वार खोले हैं, जिससे अधिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
इन लाभों के संयोजन से बारातु और उसके परिवार के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है, जिससे एक बेहतर, स्वस्थ और अधिक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित हुआ है।